इसरो के अध्यक्ष वी. नारायणन ने पिछले सप्ताह कहा था कि एलएमएलवी 119 मीटर ऊंचा यानी 40 मंजिला इमारत के बराबर होगा और इसके 2035 तक तैयार होने की उम्मीद है
नई दिल्ली । भारत अगले चार दशकों में मंगल ग्रह पर 3डी – मुद्रित आवास स्थापित करने और लाल ग्रह पर मनुष्यों को उतारने के लिए पूर्ववर्ती मिशन शुरू करने की योजना बना रहा है। यह वात भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा भविष्य के लिए तैयार किए गए रोडमैप में कही गई है। यह रोडमैप अंतरिक्ष एजेंसी द्वारा किए गए राष्ट्रव्यापी विचार-विमर्श का परिणाम है, जिसका समापन पिछले सप्ताहांत यहां राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस समारोह में हुआ।
रोडमैप के अनुसार, भारत की योजना 2047 तक चंद्रमा पर एक ‘क्रू स्टेशन’ बनाने, खनिजों और अन्य संसाधनों के लिए खनन करने, चालक दल वाले चंद्र भू-भाग वाहनों को संचालित करने और प्रणोदक डिपो वनाने की है, जो अंतर-ग्रहीय अभियानों को ईंधन प्रदान कर सकें और पृथ्वी के एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह पर अंतरिक्ष यात्रियों के प्रवास को सहायता प्रदान कर सकें।
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इसरो ने अपने प्रक्षेपण यानों को भी महत्वपूर्ण रूप से उन्नत करने की योजना बनाई है, जिसका लक्ष्य एक ही मिशन में 150 टन के ‘पेलोड’ को कक्षा में पहुँचाना होगा । वर्तमान में, इसरो का प्रक्षेपण यान जीएसएलवी मार्क-3 भू – समकालिक स्थानांतरण कक्षा में चार टन तक के ‘पेलोड’ को और पृथ्वी की निचली कक्षा में आठ टन तक के ‘पेलोड’ को ले जा सकता है। अंतरिक्ष एजेंसी वर्तमान में चंद्र मॉड्यूल प्रक्षेपण यान (एल.एम.एल.वी.) का विकास कर रही है, जिसकी क्षमता 80 टन ‘पेलोड’ को पृथ्वी की निचली कक्षा तक तथा 27 टन ‘पेलोड’ को चंद्रमा के पार कक्षा तक ले जाने की है।
इसरो के अध्यक्ष वी. नारायणन ने पिछले सप्ताह कहा था कि एलएमएलवी 119 मीटर ऊंचा यानी 40 मंजिला इमारत के वरावर होगा और इसके 2035 तक तैयार होने ‘उम्मीद है। उन्होंने कहा था कि इसरो चंद्र अभियानों के लिए एलएमएलवी का उपयोग करने की योजना वना रहा है, जिसमें 2040 में चंद्रमा पर पहला मानव मिशन भी शामिल है। वर्ष 2023 में, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसरो के लिए 2035 तक भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन वनाने और 2040 तक चंद्रमा पर एक भारतीय अंतरिक्ष यात्री को उतारने का लक्ष्य निर्धारित किया था, जो अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए सरकार की दीर्घकालिक योजनाओं का संकेत था।
अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला की हाल ही में एक वाणिज्यिक मिशन के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की यात्रा और नियोजित गगनयान मिशन भी मानव अंतरिक्ष उड़ानों को निरंतर समर्थन देने की सरकार की मंशा का संकेत देते हैं । प्रधानमंत्री ने इसरो के वैज्ञानिकों से मानवता के लाभ के वास्ते ब्रह्मांड के रहस्यों को जानने के लिए गहन अंतरिक्ष अन्वेषण की योजना बनाने को भी कहा है।